शुक्रवार, 21 सितंबर 2012

आपके प्यार ने



उसकी याद हमें बेचैन बना जाती हैं !
हर जगह हमें उसकी सूरत नज़र आती हैं !!

कैसा हाल किया हैं मेरा आपके प्यार ने !
नींद भी आती हैं तो आँखे बुरा मान जाती हैं !!
रवि शंकर

बड़ी उदास हैं जिंदगी !!



अधूरे मिलन की आस हैं जिंदगी !
सुख - दुःख का एहसास हैं जिंदगी !!

फुरसत मिले तो रवि ... ख्वाबो में आया करो !
आप के बिना बड़ी उदास हैं जिंदगी !!

main kya karoon...


▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬▬▬▬

Raste se ja rahi thee, aais-kriim kha rahi thee,
naina lada rahi thi
tujhako mirchi lagi to main kya karoon....lolzzzzz
▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬▬▬▬

दिल का रिश्ता



ज़रा सी रंजिश पे ना छोड़ना दामन वफ़ा का कभी,

उम्रें बीत जाती हैं रवि... दिल का रिश्ता बनाने में||

आसु रोकेर हसेको छु



जितेपनी हारेर बाचेको छु 
दिलमा फुलयौ फुल पहिले 
फुल झरेरनी बचेको छु

साथ छुट्यो नात टुट्यो
एकन्तमा एक्लो भयि
पिडा लियेर बाचेको छु

केटा मन्छे रुनहुन्न भनेकाले
मन्मा पिडा बोकेर
आसु रोकेर हसेको छु
रवि.

आइ नोरसँ आँखी बोरी रहल छी



आइ नोरसँ आँखी बोरी रहल छी
ककरो दिश मोन मोड़ी रहल छी

तेज स्वांसक कोदाइर सँ आइ हम
ओइ यादक माटी कोइर रहल छी

तरेगणक बीच बैसल चानसँ
पिहले जकां डोर जोइर रहल छी


कतौ- कतौ जुगनू चमकी उठै छै
नै एला प्रिये आश छोड़ी रहल छी

राती जुआन बुढ़ सब भेलै देखू
ओ औता विश्वाश नै छोड़ी रहल छी
रवि शंकर।

कब होगी तुमसे जी भर के बातें......



साम की समा में एक तस्वीर नज़र आती हैं |
तब इस होठों से एक बात निकल आती हैं ||
कब होगी तुमसे जी भर के बातें......|
बस यही सोच के हर साम गुजर जाती हैं ||

(¯`*•.¸ ♥ रवि शंकर  ♥ ¸.•*´¯)

कभी कभी यूँ भी हमने



कभी कभी यूँ भी हमने अपने जी को बहलाया है 
जिन बातों को ख़ुद नहीं समझे औरों को समझाया है |
-------->रवि.

हो गया था प्यार



करता रहा फरेब कोई सादगी के साथ,
इतना बड़ा मजाक मेरी जिंदगी के साथ,

शायद मिली सजा इसी जुर्म की मुझे,
हो गया था प्यार मुझे रवि .... एक अजनबी के साथ |


एक नजरक आस में रैह जायब,
ऐना नै देखू हमरा देखते रैह जायब,

बेझिझक कहू रवि ... सँ अपन हाल-ए-दिल,
सोचब तें जिनगी भैर सोचते रैह जायब!

(¯`*•.¸ ♥ रवि शंकर  ♥ ¸.•*´¯)


समझा न कोई दिल की बात को,
दर्द दुनिया ने बिना सोचे ही दे दिया,

जो सह गए हर दर्द को हम चुपके से,
तो हमको ही पत्थर दिल कह दिया |
------->रवि.


दुःख में ख़ुशी की वज़ह बनती है मोहब्बत,
दर्द में यादों की वजह बनती है मोहब्बत,

जब कुछ भी अच्छा नहीं लगता दुनिया में रवि...
तब जीने की वजह बनती है मोहब्बत.

गुरुवार, 20 सितंबर 2012



भूल कर तो देखो एक बार हमें !
जिंदगी की हर अदा तुमसे रूठ जाएगी !!

जब भी सोचोगे रवि ... अपनों के बारे में !
तुम्हे हमारी याद जरुर आएगी !!



गम कुछ कम नहीं हुए तुझसे मिलने के बाद मगर!
दिल में इक हौंसला सा है कि कोई मेरे साथ तो है!!

कांटे मेरी राहों के हरसूरत मेरे हिस्से में ही आयेंगे!
गर इक गुल है मेरे साथ तो जरूर कोई बात तो है!!

मुझे आज तक जो भी मिला,मशक्कत से मिला!
तुझ से मिलने में मेरी तकदीर का कुछ हाथ तो है!!

अंधेरे कहां समझते हैं भला मशाल के जलने का दर्द!
वजह कोई भी हो हर सूरत में दोनों की मात तो है!!

डूबने वाले के लिये फ़र्क नहीं मंझधार और किनारे में!
बेबसी का सबब जिन्दगी के उलझे हुये हालात ही तो हैं!!

गम कुछ कम नहीं हुए रवि .... तुझसे मिलने के बाद मगर!
दिल में इक हौंसला सा है कि कोई मेरे साथ तो है!

हमको माफ़ कर दो..



ऐ दोस्त अब तो हमको माफ़ कर दो..
हुई जो खता.. उसे रबर से साफ़ कर दो..

सायद आप रह लो हमारे बगैर ...
पर हमें इस सजा से आजाद कर दो..

वरना.. इस दिल की खुदा से फरियाद रहेगी..
की या तो आप... या खुदा हम को जिंदगी से आजाद कर दे...

"अपनी आँखों के.. समुन्दर में.. उतर जाने दे...


तेरा मुज़रिम हूँ.. मुझे डूब के.. मर जाने दे..."

रविवार, 16 सितंबर 2012

ऐसा एक दोस्त चाहिए,





ना ज़मीन, ना सितारे, ना चाँद, ना रात चाहिए,
दिल मे मेरे, बसने वाला किसी दोस्त का प्यार चाहिए,

ना दुआ, ना खुदा, ना हाथों मे कोई तलवार चाहिए,
मुसीबत मे किसी एक प्यारे साथी का हाथों मे हाथ चाहिए,

कहूँ ना मै कुछ, समझ जाए वो सब कुछ,
दिल मे उस के, अपने लिए ऐसे जज़्बात चाहिए,

उस दोस्त के चोट लगने पर हम भी दो आँसू बहाने का हक़ रखें,
और हमारे उन आँसुओं को पोंछने वाला उसी का रूमाल चाहिए,

मैं तो तैयार हूँ हर तूफान को तैर कर पार करने के लिए,
बस साहिल पर इन्तज़ार करता हुआ एक सच्चा दिलदार चाहिए,

उलझ सी जाती है ज़िन्दगी की किश्ती दुनिया की बीच मँझदार मे,
इस भँवर से पार उतारने के लिए किसी के नाम की पतवार चाहिए,

अकेले कोई भी सफर काटना मुश्किल हो जाता है,
मुझे भी इस लम्बे रास्ते पर एक अदद हमसफर चाहिए,

यूँ तो ‘मित्र’ का तमग़ा अपने नाम के साथ लगा कर घूमता हूँ,
पर कोई, जो कहे सच्चे मन से अपना दोस्त, ऐसा एक दोस्त चाहिए,




ना ज़मीन, ना सितारे, ना चाँद, ना रात चाहिए,
दिल मे मेरे, बसने वाला किसी दोस्त का प्यार चाहिए,

ना दुआ, ना खुदा, ना हाथों मे कोई तलवार चाहिए,
मुसीबत मे किसी एक प्यारे साथी का हाथों मे हाथ चाहिए,

कहूँ ना मै कुछ, समझ जाए वो सब कुछ,
दिल मे उस के, अपने लिए ऐसे जज़्बात चाहिए,

उस दोस्त के चोट लगने पर हम भी दो आँसू बहाने का हक़ रखें,
और हमारे उन आँसुओं को पोंछने वाला उसी का रूमाल चाहिए,

मैं तो तैयार हूँ हर तूफान को तैर कर पार करने के लिए,
बस साहिल पर इन्तज़ार करता हुआ एक सच्चा दिलदार चाहिए,

उलझ सी जाती है ज़िन्दगी की किश्ती दुनिया की बीच मँझदार मे,
इस भँवर से पार उतारने के लिए किसी के नाम की पतवार चाहिए,

अकेले कोई भी सफर काटना मुश्किल हो जाता है,
मुझे भी इस लम्बे रास्ते पर एक अदद हमसफर चाहिए,

यूँ तो ‘मित्र’ का तमग़ा अपने नाम के साथ लगा कर घूमता हूँ,
पर कोई, जो कहे सच्चे मन से अपना दोस्त, ऐसा एक दोस्त चाहिए,

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