गुरुवार, 31 अक्टूबर 2013

तुमसे मोहब्बत कर बैठे






यूं भी क्या कम थी मुसीबतें....

जो तुमसे मोहब्बत कर बैठे....


----> रवि.

विरह के जहर आब पीब रहल छी हम




गजल 

अखनो अहीं के आस में जीब रहल छी हम 
विरह के जहर आब पीब रहल छी हम 

बिसरला के पछातियो मोन पड़ेति होयत 
मोन पारु कि कतेक करीब रहल छी हम 

सबकिछु होयतो किछुओ नहिं अछि हमरा 
अहाँ के बाद एतेक गरीब रहल छी हम 

कतहु रही खुष रही और हमरा की चाही 
साँस चलेति अछि और जीब रहल छी हम 

कियो नहिं पतियेते और अहुँ नहिं मानब 
कोना एक दोसर के नसीब रहल छी हम 

--->रवि.

तुम्हारा इंतजार करुँगा




गजल

जितना किसी ने भी न किया हो , उतना प्यार करुँगा
मर जाऊँगा मुझे मंजूर है , कभी न इजहार करुँगा

यह सही है कि मरते दम तक , तुम्हारा इंतजार करुँगा
इस उम्मीद में जिन्दा हूँ , तुम्हारे प्यार का इकरार करुँगा

बात दिल की दिल में ही रहेगी , पूछने पर इन्कार करुँगा
सौंगंध खाकर कहता हूँ , किसी और को न स्वीकार करुँगा

तस्वीर नहीं है तुम्हारी तो क्या हुआ , सपनों में दीदार करुँगा
जिन्दा न मिलें कोई बात नहीं , मरने के बाद भी तुम्हें प्यार करुँगा
---->रवि.

ऐसा दिलदार चाहिए




गजल 

इस धड़कते दिल को प्यार चाहिए 
जो दौलत पर ना भागे ऐसा दिलदार चाहिए 

इस तन्हा दिल को करार चाहिए 
जो हमेशा साथ निभाए ऐसा यार चाहिए 

जहाँ प्यार ही प्यार हो 
ऐसा संसार चाहिए 

जहाँ मुझे भी मिले सम्मान इज्जत 
ऐसा परिवार चाहिए 
--->रवि.

हम की करी

गजल 



हँसि हँसि के मारि गेल त हम कि करी 
जीबते कियो जारि गेल त हम की करी 

बहकि त गेल छलहुँ हुनका देखि के 
खसति ओ सम्हारि गेल त हम की करी 

मोन हमर भीजल पुआर जकाँ छल 
मुदा आगि पजारि गेल त हम की करी 

रुप हुनक आँखिक सोझा रहति अछि 
हुनका नै बिसारि भेल त हम की करी 

देखते देखेत ओ दीवाना बना देलक 
मन मोहिनी नारि भेल त हम की करी 

सिनेहक बात सुनाबय के मोन छल 
पहिले तकरारि भेल त हम की करी 

आब सभ गरिया के चलि जायत अछि 
भाइये सॅ अराडि़ भेल त हम की करी
----> रवि. 

Teri aankho ki sharart



तेरी आँखों की शरारत के क्या कहना 

तेरी होठों की नजाकत के क्या कहना 

मदहोश हो जाता हूँ तेरी बातों में 

दुनिया भी भूल जाऊ दो पल तो क्या कहना....

Teri aankho ki sharart ke kya kehne

Teri hotoen ki nazakat ke kya kehne

Madhosh ho jata hu teri baaton mein

Dunia bhi bhool jao do pal,to kya kehne….
------> R@vi.

प्यार का इजहार



महबूब मेरे मैं तेरी आँखों में खो जाना चाहती हूँ,
साँसों में बसकर तुम्हारे दिल में उतरना चाहती हूँ,
यूं ही हाथों में लेके हाथ मैं चलूँगी तेरे साथ,
तुझसे मैं अपने प्यार का इजहार करना चाहती हूँ।

मेरे सनम तेरी बातों की मिठास में घुल जाना चाहती हूँ,
तेरी हर मुस्कान पर मैं मर जाना चाहती हूँ,
चलना तो मैं भी चाहती हूँ हाथों में थामे हाथ,
मगर प्यार की रुसवाइयों से तुझको बचाना चाहती हूँ।

तुझे अपना बनाने के लिए रुसवाइयों से गुजरना चाहती हूँ,
यूं मिलकर तेरे संग एक नया आशियाँ बनाना चाहती हूँ,
ना छोडूगीं तेरा हाथ यूं ही रहूँगी उम्रभर साथ,
तुझ पर मैं अपना सर्वस्व न्योछावर करना चाहती हूँ।

तेरी इस दीवानगी में मैं डूब जाना चाहतीहूँ,
कुछ मजबूरिया हैं जो मैं तुझको समझाना चाहती हूँ,
दो दीवारों के ये फासले कभी कम न होंगे,
वरना तू मेरी मैं तेरा बनकर जीना चाहती हूँ।
--->रवि.

मच गयी सनसनी तन बदन में मेरे



“शाम आने लगी लेके रात का सफ़र,
आसमां पर सितारे चमकने लगे,
मिली तुझसे नज़र रात थी चांदनी,
दिल के सागर में लहरें उठने लगी.

मच गयी सनसनी तन बदन में मेरे,
अब तो रोम रोम पुलकित होने लगे.
हो गया अब शुरू अफसाना नया,
अब तो नयनो में ही बात होने लगी.

हो प्रेम का बयां वो लफ्ज़ मिलते नहीं,
इश्क की आग से लब थरथराने लगे.
आ गए अब हम एक दूजे के करीब,
अब तो साँसों से साँसे टकराने लगी.

मिट गए फासले बढ गयी नजदीकियां,
हुस्न और इश्क अब एक होने लगे.
शर्म-ओ-हया में चुप रह गए दोनों दिल,
बंद आँखों में ही बात होने लगी.
--->रवि.

भगवान का फोटो



कहानी .....

यात्रियों से खचाखच भरी ट्रेन में टी.टी.ई. को एक
पुराना फटा सा पर्स मिला। उसने पर्स को खोलकर यह
पता लगाने की कोशिश की कि वह किसका है। लेकिन पर्स
में ऐसा कुछ नहीं था जिससे कोई सुराग मिल सके। पर्स में
कुछ पैसे और भगवान श्रीकृष्ण की फोटो थी। फिर उस
... टी.टी.ई. ने हवा में पर्स हिलाते हुए पूछा -"यह
किसका पर्स है?"
एक बूढ़ा यात्री बोला -"यह मेरा पर्स है। इसे कृपया मुझे
दे दें।"टी.टी.ई. ने कहा -"तुम्हें यह साबित
करना होगा कि यह पर्स तुम्हारा ही है। केवल तभी मैं यह
पर्स तुम्हें लौटा सकता हूं।"उस बूढ़े व्यक्ति ने दंतविहीन
मुस्कान के साथ उत्तर दिया -"इसमें भगवान श्रीकृष्ण
की फोटो है।"टी.टी.ई. ने कहा -"यह कोई ठोस सबूत
नहीं है। किसी भी व्यक्ति के पर्स में भगवान श्रीकृष्ण
की फोटो हो सकती है। इसमें क्या खास बात है? पर्स में
तुम्हारी फोटो क्यों नहीं है?"
बूढ़ा व्यक्ति ठंडी गहरी सांस भरते हुए बोला -"मैं तुम्हें
बताता हूं कि मेरा फोटो इस पर्स में क्यों नहीं है। जब मैं
स्कूल में पढ़ रहा था, तब ये पर्स मेरे पिता ने मुझे
दिया था। उस समय मुझे जेबखर्च के रूप में कुछ पैसे मिलते थे।
मैंने पर्स में अपने माता-पिता की फोटो रखी हुयी थी।
जब मैं किशोर अवस्था में पहुंचा, मैं अपनी कद-काठी पर
मोहित था। मैंने पर्स में से माता-पिता की फोटो हटाकर
अपनी फोटो लगा ली। मैं अपने सुंदर चेहरे और काले घने
बालों को देखकर खुश हुआ करता था। कुछ साल बाद
मेरी शादी हो गयी। मेरी पत्नी बहुत सुंदर थी और मैं उससे
बहुत प्रेम करता था। मैंने पर्स में से अपनी फोटो हटाकर
उसकी लगा ली। मैं घंटों उसके सुंदर चेहरे
को निहारा करता।
जब मेरी पहली संतान का जन्म हुआ, तब मेरे जीवन
का नया अध्याय शुरू हुआ। मैं अपने बच्चे के साथ खेलने के लिए
काम पर कम समय खर्च करने लगा। मैं देर से काम पर
जाता ओर जल्दी लौट आता। कहने की बात नहीं, अब मेरे
पर्स में मेरे बच्चे की फोटो आ गयी थी।"
बूढ़े व्यक्ति ने डबडबाती आँखों के साथ
बोलना जारी रखा -"कई वर्ष पहले मेरे माता-
पिता का स्वर्गवास हो गया। पिछले वर्ष
मेरी पत्नी भी मेरा साथ छोड़ गयी। मेरा इकलौता पुत्र
अपने परिवार में व्यस्त है। उसके पास मेरी देखभाल का क्त
नहीं है। जिसे मैंने अपने जिगर के टुकड़े की तरह पाला था,
वह अब मुझसे बहुत दूर हो चुका है। अब मैंने भगवान कृष्ण
की फोटो पर्स में लगा ली है। अब जाकर मुझे एहसास हुआ है
कि श्रीकृष्ण ही मेरे शाश्वत साथी हैं। वे हमेशा मेरे साथ
रहेंगे। काश मुझे पहले ही यह एहसास हो गया होता।
जैसा प्रेम मैंने अपने परिवार से किया, वैसा प्रेम यदि मैंने
ईश्वर के साथ किया होता तो आज मैं
इतना अकेला नहीं होता।"
टी.टी.ई. ने उस बूढ़े व्यक्ति को पर्स लौटा दिया। अगले
स्टेशन पर ट्रेन के रुकते ही वह टी.टी.ई. प्लेटफार्म पर बने
बुकस्टाल पर पहुंचा और विक्रेता से बोला -"क्या तुम्हारे
पास भगवान की कोई फोटो है? मुझे अपने पर्स में रखने के
लिए चाहिए।

तनहा हैं फिर भी जिये जा रहे हैं



Mana K Nasib Me Hamare Koi Sanam Nahi,
Phir Bhi Koi Shikwa Ya Koi Ghum Nahi,
Tanha Hain Phir Bhi Jiye Ja Rahe Hai,
Kyonki Badnasib To Wo Hai,
Jinke Nasib Me Hum Nahi.

माना के नसीब में हमारे कोई सनम नहीं,
फिर भी कोई शिकवा कोई गम नहीं,
तनहा हैं फिर भी जिये जा रहे हैं,
क्योंकि बदनसीब तो वो है रवि....
जिनके नसीब में हम नहीं.
 --->रवि .

कहू हमर प्रेयसी केहेन लागल




रुबाइ 

राति में चान उगेति अछि जेहेन लागल 
दिन में फूल खिलेति अछि तेहेन लागल 
पूछलहूँ अहाँ , बिना देखने कोना कहब
आइना देखू आ कहू हमर प्रेयसी केहेन लागल 

स्वप्न सुंदरी क लेल
-->रवि.

मुझे इश्क करना सिखा गया...




मैं नहीं हूँ अपने वजूद में, मुझे जाने किसने चुरा लिया...

मेरे साथ रहता है एक शख्स , कोई जादू उसने चला दिया...

मेरी रूह में समां गया , मुझे इश्क करना सिखा गया...

मेरी ज़िन्दगी वो बन गया, मुझे जीना उस ने सिखा दिया...

मेरी ज़िन्दगी को बदल दिया, मुझे खुस नसीब बना दिया..


Main nahi hon apny wajood me, Mujhe janay kis nay chura liya…

Mere sath rehta hai ek shakhs,Koi jadoo us nay chala diya.

Meri rooh me wo sama gaya,Mujhe ishq karna sikha gaya..

Meri zindagi wo ban gaya,Mujhe jeena us nay sikha diya..

Meri zindagi ko badal diya,Muje khush naseb bana diya...

---->R@vi.

पिरती गाँस्न मन लाग्यो



सालका पात टिपी टपरी गाँस्न मन लाग्यो
जोई पोई दुवै सँगै वसी हाँस्न मन लाग्यो

छटपटि र एकलतामानै कयौं विते रातहरु 
पण्डित खोजी अव पिरती गाँस्न मन लाग्यो 

पीडै पिडामा कति भुलाउ जीवन यो शहरमा 
अग्नीसाक्षी राखी लगनगाँठो कँस्न मन लाग्यो

आँखा छलीछली कति रमाउने माया पिरतीमा
दुनियाले देख्ने गरी छातीमा टाँस्न मन लाग्यो
---> रवि.

तेरे सीने से लग कर



तेरे सीने से लग कर, तेरी आरज़ू बन जाऊ,
तेरी साँसों से मिल कर, तेरी खूशबू बन जाऊ,

फासले न रहे कोई हम दोनों के दरमियान,
मैं, मैं ना रहूँ, बस तू ही तू बन जाऊ,

सुनी रातों की तनहाइयाँ जब सताएगी तुझे,
तेरी उन खामोशियों की मैं गुफ्तगू बन जाऊ,

जैसे दिलबर की हो तुझ को तमन्ना जाना,
खुदा करे, मैं वैसी हु-ब-हु बन जाऊ,

गुस्ताखी दिल की मेरे बस इतनी सी है खवाइश,
तेरी धडकनों की मैं ही जुस्तुजू बन जाऊ।


Tere Seene Se Lag Kar, Teri Aarzoo Ban Jaon,
Teri Saanson Se Mil Kar, Teri Khushbu Ban Jaun,

Faasle Na Rahe Koi Hum Dono Ke Darmiyaan,
Main, Main Na Rahoon, Bas Tu Hi Tu Ban Jaun,

Suni Raaton Ki Tanhaiyaan Jab Satayegi Tujhe,
Teri Un Khamoshiyon Ki Main Guftgu Ban Jaun,

Jaise Dilbar Ki Ho Tujh Ko Tamanna Jaana,
Khuda Kare, Main Waisi Hu-Ba-Hu Ban Jaun,

Gustakhi Dil Ki Mere Bas Itni Si Hai Khawaish,
Teri Dhadkano Ki Main Hi Justuju Ban Jaun.
---->R@vi.


लड़कियों के डर




लड़कियों के डर भी अजीब होते है
भीड़ में हो तो लोगो का डर,

अकेले में हो तो सुनसान राहो का डर,
गर्मी में हो तो पसीने से भीगने का डर,

हवा चले तो दुपट्टे के उड़ने का डर,
कोई न देखे तो अपने चेहरे से डर,

कोई देखे तो देखने वाले की आँखों से डर,
बचपन हो तो मान-बाप का डर,

रिश्तेदारों में हो तो भाइयों का डर,
जवानी आए तो दुनिया वालो का डर,

रस्ते में कड़ी धूप हो तो, चेहरे के मुरझाने का डर,
बारिश आ जाये तो उसमें भीग जाने का डर,

वो डरती है और तब तक डरती है जब तक उन्हें प्यार करने वाला नहीं मिल जाता?
वो अलग बात है के... वो सबसे जयादा उसी को डराती है।

Joke : बोला था ना लाइन मारती है"



Joke of the Day...

एक छोटा बच्चा क्लास में अपनी मैडम से पूछता है।
बच्चा: "मेम, मैं आपको कैसा लगता हूँ?"
मैडम ने मुस्कुराते हुए बच्चे की गाल को थपथपाया और बोली
मैडम: "बहुत ही प्यारे लगते हो"
बच्चे ने अपने साथ बैठे लड़के को कोहनी मारी और बोला
बच्चा: "बोला था ना लाइन मारती है"

मैं तेरे दिल में समां जाऊंगा




मुझसे मिलते हुए ये बात तो सोची होती..
मैं तेरे दिल में समां जाऊंगा.... धड़कन की तरह....

Mujh Se Milte Hue Ye Baat To Sochi Hoti, 
Mein Tere Dil Mein Sama Jaonga.... Dharkan Ki Tarha….
--->R@vi.

दिल धड़कने लगा .. याद जब तुझको किया



रातों की मेरी नींद गयी है..
दिन को भी अब चैन नहीं..

देख के तुमको ये सोचती हूँ "रवि "
तेरा भी क्या... हाल यही है..

दिल धड़कने लगा .. याद जब तुझको किया 
कोई तो बता दे ये क्या है..
क्या प्यार यही है... !
---> रवि.

वो दोबारा नहीं मिलता......




बहुत भीड़ है, इस मुहब्बत के शहर में 
एक बार जो बिछड़ा 
..... वो दोबारा नहीं मिलता......
----> रवि.

जिंदगी से ही दूर चला आया हूँ...



जिंदगी बनाने के लिए, घर से दूर निकल आया हूँ,
सपनो को पाने की चाहत में, अपनों को दूर छोड़ आया हूँ,

सुख साधन कितने ही समेट लूं, मेरा घर आज भी याद आता है,
चाहूं तो सारी दुनिया को नाप लूं, आखिर में माँ के हाथ का खाना याद आता है,

बीमार जब होता हूँ तो इलाज तो मिल जाता है,
पर जब दावा न काम आती तो माँ का दुलार याद आता है,

अब तो बस कोसता हूँ अपने आप को, की क्या करने चला आया हूँ,
जिंदगी बनाना चाहता था मैं और जिंदगी से ही दूर चला आया हूँ...

---> रवि.

तेरा इंतजार करते हैं




"हजारों आज भी करते हैँ आरजू मेरी..,
मगर हम फिर भी तेरा इंतजार करते हैं...!!"
-----> रवि

दिल जो टूटे तो





दिल जो टूटे तो मेरे पास चले आना,


मुझे मेरे जैसे लोगों से मोहब्बत है...

-------> रवि

जी भर के देखू




जी भर के देखू तुझे अगर गवारा हो .
बेताब मेरी नज़रे हो और चेहरा तुम्हारा हो .
जान की फिकर हो न जमाने की परवाह .
एक तेरा प्यार हो जो बस तुमारा हो!
---->R@vi.

किसके लिए ज़िंदा हूँ


एक टूटे हुए दिल की आवाज़ मुझे कहिए
सुर जिसमें है सब गम के, वो साज़ मुझे कहिए
मैं कौन हूँ और क्या हूँ किसके लिए ज़िंदा हूँ
मैं खुद भी नही समझी वो राज़ मुझे कहिए


तेरे बाँहों में पनाह मिल जाये |



ख्वाइस तो यही है कि तेरे बाँहों में पनाह मिल जाये |
शमा खामोस हो जाये और शाम ढल जाये ||
प्यार इतना करे कि इतिहास बन जाये |
और तुम्हारी बाँहों से हटने से पहले शाम हो जाये ||

----> R@vi.

पत्थर दिल आँसू नहीं बहाते




कौन कहता है कि पत्थर दिल आँसू नहीं बहाते

वरना यूँ ही तो पत्थरों से झरने न निकलते !

yakeen karne lage hain….




आहिस्ता आहिस्ता आपका यकीं करने लगे हम ...

आहिस्ता आहिस्ता आपके करीब आने लगे हम..
दिल तो देने से घबराते है .. " रवि "
मगर आहिस्ता आहिस्ता आप के दिल की कदर करने लगे हम...

Ahista ahista aapka yakeen karne lage hain….
Ahista ahista aapke kareeb aane lage hain…
Dil to dene se ghabraathe hain.. " Ravi "
Magar ahista ahista aapke dil ki kadar karne lage hain…
-----> R@vi.

Teri Nigahon Ke Yoon Hi Kayal The Hum





तेरी निगाहों के यूं ही कायल थे हम...
क्या जरूरत थी आजमाने की..
यूं ही बेहोश पड़े है..तेरी राहों में..
क्या जरूरत थी अलग से मुस्कुराने की...

Teri Nigahon Ke Yoon Hi Kayal The Hum
Kya Jaroorat Thi Aajmane Ki
Yoon Hi Behosh Pade Hai Teri Rahon Main
Kya Jaroorat Thi Alag Se Muskurane Ki…
---->R@vi.

Hindi Shayari:-सुबह होती नही





सुबह होती नही शाम ढलती नही

नज़ाने क्या खूबी है आप मे रवि....

आप को यादकिए बिना खुशी मिलती नही

-----> रवि.

बुधवार, 30 अक्टूबर 2013

Shayari : कोना हम जियब



प्रीत आंहक पहचान छि हमर 
स्नेह आंहक  शान छि हमर ,

जुदा भ के आंहक  सं कोना हम जियब 
आहंते अंतिम सांस तक प्राण छि हमर। 
-----> रवि.

Maithili Romantic Shayari :- नै हमारा याद करई छि



प्रीत में हमारा आहां,
किये एना बर्बाद करई छि,

नै हमारा स बात करई छि,
नै हमारा याद करई  छि . 
----> रवि .


आपकी अंगडायिओं से डरते हैं !




कुछ उजाले की चकाचौंध से डरते हैं,

कुछ अँधेरे में परछायिओं से डरते हैं,
हम भी हैं तनहा अपनी रहबर निहारते,
पर जाने क्यूँ आपकी अंगडायिओं से डरते हैं !

कुछ को ख्वाब देख के जीने की आदत है,
कुछ को मैखाने में पीने की आदत है ,
हम हैं परेशां दीवानापन की आदतों से,
पर जाने क्यों शादी की शहनाईयों से डरते हैं!!

इंतजार कर रहा हूँ जुश्तजू जो है ,
इज़हार भले ही न करूँ आरज़ू तो है ,
कुछ मोहबत में किस्से सुने हैं ऐसे ,
हम अभी से आपकी तनहायिओ से डरते हैं !!
----> रवि.

गिरा दे जितना पानी है तेरे पास ऐ बादल




गिरा दे जितना पानी है तेरे पास ऐ बादल;


ये प्यास किसी के मिलने से बुझेगी तेरे बरसने से नही।

------> रवि.

Romantic Shayari :- Dil dharakta hai


दिल धड़कता है तुझे देख कर तो 
सांस भी मेरी रुकने लगती है....
प्यार इतना है मेरे दिल में रवि ...,

रूह भी मेरी खिंच ने लगती है....!
चैन मिलता है जब मैं देखू तुझे ,
वरना ये सांस भी रुकने लगती है...!!!

Dil dharakta hai tujhe dekhun to,
Saans bhi meri rukne lagti hai…
Pyar itna hai mere dil me Ravi...,

Rooh bhi meri khinch ne lagti hai…!
Chain milta hai jab mei dekhun tujhe,
Warna ya saans bhi rukne lagti hai…!!!
-----> रवि.

Hindi Shayari :- वो तरस जाएँगी


वो तरस जाएँगी प्यार की एक बूँद के लिए;

मैं तो बादल हूँ किसी और पे बरस जाऊंगा।

-----> रवि. 


Love Shayari :- जी भर के देखू


जी भर के देखू तुझे अगर गवारा हो .

बेताब मेरी नज़रे हो और चेहरा तुम्हारा हो .

जान की फिकर हो न जमाने की परवाह .
एक तेरा प्यार हो जो बस तुमारा हो!

--->रवि.


Jindagi Sharari :- उम्र भर का सहारा


कौन देता है उम्र भर का सहारा;

लोग तो जनाज़े में भी कंधे बदलते रहते हैं!

---->रवि.

Dard Bhari Shayari :- आखिर ये दिल इतना नादान क्यों है ?





गुलसन है अगर सफ़र जिंदगी का, तो इसकी मंजिल समशान क्यों है ?

जब जुदाई है प्यार का मतलब, तो फिर प्यार वाला हैरान क्यों है ?

अगर जीना ही है मरने के लिए, तो जिंदगी ये वरदान क्यों है ?

जो कभी न मिले उससे ही लग जाता है दिल,

आखिर ये दिल इतना नादान क्यों है ?

------> रवि.
 

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