गुरुवार, 31 अक्टूबर 2013

मच गयी सनसनी तन बदन में मेरे



“शाम आने लगी लेके रात का सफ़र,
आसमां पर सितारे चमकने लगे,
मिली तुझसे नज़र रात थी चांदनी,
दिल के सागर में लहरें उठने लगी.

मच गयी सनसनी तन बदन में मेरे,
अब तो रोम रोम पुलकित होने लगे.
हो गया अब शुरू अफसाना नया,
अब तो नयनो में ही बात होने लगी.

हो प्रेम का बयां वो लफ्ज़ मिलते नहीं,
इश्क की आग से लब थरथराने लगे.
आ गए अब हम एक दूजे के करीब,
अब तो साँसों से साँसे टकराने लगी.

मिट गए फासले बढ गयी नजदीकियां,
हुस्न और इश्क अब एक होने लगे.
शर्म-ओ-हया में चुप रह गए दोनों दिल,
बंद आँखों में ही बात होने लगी.
--->रवि.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

The Most Shared Post

ravi1057 : tumse bat krna Acha lgta he

Jab kuch acha nahi lag raha ho Tab bhi tumse bat krna Acha lgta he  ❤️😊 #ravi1057 #RaviShilpi #15August #ravi #रवि #रविशंकर #Ravishan...