गुरुवार, 31 अक्टूबर 2013

कहू हमर प्रेयसी केहेन लागल




रुबाइ 

राति में चान उगेति अछि जेहेन लागल 
दिन में फूल खिलेति अछि तेहेन लागल 
पूछलहूँ अहाँ , बिना देखने कोना कहब
आइना देखू आ कहू हमर प्रेयसी केहेन लागल 

स्वप्न सुंदरी क लेल
-->रवि.

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