न तुजसे अपनी निगाहें हटाऊंगा मैं.....
अभी न करेगी हमपे अगर नजरें इनायत ...
तो ख्वाबों में आकर तुझे सताऊंगा मैं....
तेरी नज़रे कैसे दिल पे तलवार चला रही है ...
शेर लिख लिख कर सबको बताऊंगा मैं...
एक बार तू इजाज़त तो दे तेरे करीब आने का...
फिर देखना तुझपे कैसे मोहब्बत लुटाऊंगा मैं...
तू मिले या न मिले मेरी किस्मत की बात है...
राह- ए - इश्क़ में खुद को जरुर आज्मुंगा मैं....
कर दिया तुझपे फ़िदा ई जान अपना दिल ....
के अब किसी और से कभी मोहब्बत न कर पाऊंगा मैं...
------>R@vi.