शनिवार, 26 अक्टूबर 2013

Maithili Ghazal


गजल

दर्द हियक अहांसँ कहब हम कोना
चोट नेहसँ भरल सहब हम कोना

छोडि असगर जखन दूर रहबै प्रिय
भावमें बिन मिलन बहब हम कोना

ठोरपर चमकैत नव हँसिक मोती
दूर रहिक अहांसँ गहब हम कोना

संग जे नहि देबए अहाँ हमरा
आगु जीवनमें बरहब हम कोना

कहि रहल अछि गजलमें हियसँ ' रवि '
बिन अहाँ प्रिय आब रहब हम कोना


Raaz hai ye zindgi ka


चेहरे की हंसी से हर गम छुपाओ,
बहुत कुछ बोलो पर कुछ न बताओ....

खुद नरूठू कभी पर सबको मनाओ,
राज है ये ज़िन्दगी का बस जीते चले जाओ....

Chehre ki hansi se har gam chhupao,
Bahut kuch bolo par kuch na batao,

Khud na rootho kabhi par sabko manaao,
Raaz hai ye zindgi ka bas jeete chale jao..

----> R@vi.



Tumhara dukh hum seh nahi sakte


तुम्हारा दुःख हम सह नहीं सकते ,
भरी महफ़िल में कुछ कह नहीं सकते ...

हमारे गिरते हुए आंसू को पढ़ कर देखो ,
वो भी कहते है के रवि .... आपके बिन हम रह नहीं सकते .....

Tumhara dukh hum seh nahi sakte,
Bhari mehfil mein kuch keh nahi sakte,

Hamare girte hue aansuo ko pad kar dekho,
Woh bhi kehte hai ke R@vi... hum aapke bin reh nahi sakte…

----> R@vi.

न मिलने का वादा

न मिलने का वादा, न आने की बातें;
कहाँ तक सुनें दिल जलाने की बातें;

हमेशा वही सर झुकाने की बातें;
कभी तो करो सर उठाने की बातें;

कोई इस ज़माने की कहता नहीं है;
सुनाते हो अपने ज़माने की बातें;

कहाँ तक सुने कोई इन रहबरों की;
हथेली पे सरसों उगाने की बातें;

तरस खायेंगी बिजलियाँ भी यक़ीनन;
जो सुन लें कभी आशियाने की बातें;

अजब-सी लगे हैं फ़क़ीरों के मुँह से;
किसी हूर की या ख़ज़ाने की बातें;

कभी जो हुईं थीं हमारी-तुम्हारी;
वो बातें नहीं हैं बताने की बातें।

----> रवि. 



पूछो ना उस कागज़ से जिस पे;

हम दिल के मुकाम लिखते है;

तन्हाइयों में बीती बातें तमाम लिखते है;

वो कलम भी दीवानी हो गई रवि....

जिस से हम आप का नाम लिखते है।


मैथिलि गजल


गजल

लाजसँ लाल भेलौं अहाँ 
आँचरिमे नुकेलौं अहाँ 

सुनु धड़कै करेजा कते 
सोझसँ कात भेलौं अहाँ 

लाजसँ लोल दबने मुदा 
आंखिसँ बाजि गेलौं अहाँ 

कारी आंखि काजर सजल 
जानसँ मारि देलौं अहाँ 

सुनि "रवि" सिनेहक गजल
सभके छोड़ि एलौं अहाँ



mohobbat humari




सूरत हमारी देख ली उन्होंने 
पर दिल हमारा देख न सके ...

ख़ुशी हमारी देख ली उन्होंने 
लेकिन दुःख हमारा देख न सके 

प्यार हमसे कर लिया उन्होंने
पर फिक्र हमारी कर न सके 

हंसी हमारी देख ली उन्होंने
पर आंसू हमारा देख न सके

बेवफा हमें कहने लगे है वो
पर चाहत हमारी देख न सके 

खवाब समझ कर भूल गए हमें 
और मुहब्बत हमारा देख न सके..

Surat humari dekh li unhone
Par dil humara dekh na sake

Khushi humari dekh li unhone
Lekin dukh humare dekh na sake

Pyaar hum se kar liya unhone,
Aur fikar humari kar na sake

Hansi humari dekh li unhone
Par aansu humare dekh na sake

Bewafa hume kehne lage wo
Lekin chahat hamari dekh na sake

Khawab samjhkar bhul gaye hume
Aur mohobbat humari dekh na sake

----> R@vi.

BhulaKar Mujhe Agar

भूल कर मुझे अगर तुम अब भी सलामत हो ,


तो भूलकर तुम्हे संभालना मुझे भी आता है..




मेरी फितरत मैं नहीं हैं ये आदत वर्ना 



पर तेरी तरह मुझे बदलना भी आता है....

BhulaKar Mujhe Agar Tum Ab Bhi Ho Salamat,



To BhulaKar Tumhe Sambhalna Mujhe B Aata H




Meri Fitrat Mein Nahi Hain Ye Aadat Varna,



Teri Tarah Yu Badalna Muje Bhi Aata Hain



----> R@vi.



Yaaden Teri.





कास कोई रास्ता मिल जाये तुझ तक पहुँचने का,

कहर बन कर बरस रही है मुझ पर रवि ..... यादें तेरी.


Kash Koi Rasta Mil Jaye Tujh Tak Pahuchne Ka,

Kahar Ban K Baras Rahi Hai Mujh  Pe  R@vi....... Yaaden  Teri.


Apni takdeer




अपनी तकदीर के फासले पर कभी शिकायत न कर,

तू अभी इतना समझदार नहीं के रब के इरादा समझ सके.....


Apni takdeer ke fesle par kabhi shikayat na kar,

Tu abhi itna samajdar nahi ke rab ka irada samajh sake....

----> R@vi.

लजार्इ छी



अहांसँ बाजर्इत हम लजार्इछी पिया


एना नजरि गडाक हमरा देखैछी किया


-----> R@vi.

रुलाना हर किसी को आता है,
हसाना किसी किसी को आता है...

रुला के मना ले वो सच्चा यार है...
और जो रुला के खुद भी आंसू बहाए वो आपका सच्चा प्यार है....



Rulana har kisi ko ata hai
Hasana kisi kisi ko ata hai

Rula ke jo mana le wo sacha yaar hai
Aur jo rula ke khud bhi ansu bahaye Woh apka sacha pyar hai…

-----> R@vi.


हर लम्हा




हा मेरा हर लम्हा चुरा लिया आपने,

आँखों को एक नया चाँद दिखा दिया आपने,


हमें ज़िन्दगी दी किसी और ने,

पर इतना प्यार देकर जीना सिखाया आपने!

----->R@vi.

इतना प्यार





क्यो किसी से इतना प्यार हो जाता है,

एक पल का इंतज़ार भी दुश्वार हो जाता है,


लगने लगते है अपने भी प्यारे,

और एक अजनबी पर ऐतबार हो जाता है…

----->R@vi.

ज़िन्दगी के लिए

काश ....! मिल जाये मुझे मुकद्दर की स्याही और कलम ....

लम्हे-लम्हे की ख़ुशी लिख दूं तुम्हारी ज़िन्दगी के लिए ...!!



एक बार अकबर ने बीरबल से पूछाः " तुम्हारे भगवान और हमारे खुदा में बहुत फर्क है।
हमारा खुदा तो अपना पैगम्बर भेजता है जबकि तुम्हारा भगवान बारबार आता है।
यह क्या बात है ?"

बीरबलः "जहाँपनाह ! इस बात का कभी व्यवहारिक तौर पर अनुभव करवा दूँगा।
आप जरा थोड़े दिनों की मोहलत दीजिए। "

चार - पाँच दिन बीत गये।

बीरबल ने एक आयोजन किया।
अकबर को यमुनाजी में नौकाविहार कराने ले गये।
कुछ नावों की व्यवस्था पहले से ही करवा दी थी।
उस समय यमुनाजी छिछली न थीं।
उनमें अथाह जल था।

बीरबल ने एक युक्ति की कि जिस नाव में अकबर बैठा था उसी नाव में एक दासी को अकबर के नवजात शिशु के साथ बैठा दिया गया।

सचमुच में वह नवजात शिशु नहीं था।
मोम का बालक पुतला बनाकर उसे राजसी वस्त्र पहनाये गये थे ताकि वह अकबर का बेटा लगे।

दासी को सब कुछ सिखा दिया गया था।

नाव जब बीच मझधार में पहुँची और हिलने लगी तब ' अरे .... रे ... रे .... ओ.... ओ.... .' कहकर दासी ने स्त्री चरित्र करके बच्चे को पानी में गिरा दिया और रोने बिलखने लगी।

अपने बालक को बचाने - खोजने के लिए अकबर धड़ाम से यमुना में कूद पड़ा।

खूब इधर - उधर गोते मारकर, बड़ी मुश्किल से उसने बच्चे को पानी में से निकाला।

वह बच्चा तो क्या था मोम का पुतला था।
अकबर कहने लगाः "बीरबल ! यह सारी शरारत तुम्हारी है।
तुमने मेरी बेइज्जती करवाने के लिए ही ऐसा किया।"

बीरबलः " जहाँ पनाह ! आपकी बेइज्जती के लिए नहीं , बल्कि आपके प्रश्न का उत्तर देने के लिए ऐसा किया गया था।

आप इसे अपना शिशु समझकर नदी में कूद पड़े।
उस समय आपको पता तो था ही इन सब नावों में कई तैराक बैठे थे , नाविक भी बैठे थे और हम भी तो थे!
आपने हमको आदेश क्यों नहीं दिया ?
हम कूदकर आपके बेटे की रक्षा करते!"

अकबरः " बीरबल ! यदि अपना बेटा डूबता हो तो अपने मंत्रियों को या तैराकों को कहने की फुरसत कहाँ रहती है ?
खुद ही कूदा जाता है।

बीरबलः "जैसे अपने बेटे की रक्षा के लिए आप खुद कूद पड़े , ऐसे ही हमारे भगवान जब अपने बालकों को संसार एवं संसार की मुसीबतों में डूबता हुआ देखते हैं तो वे पैगम्बर - वैगम्बर को नहीं भेजते , वह खुद ही प्रगट होते हैं।

वे अपने बेटों की रक्षा के लिए आप ही अवतार ग्रहण करते है और संसार को आनंद तथा प्रेम के प्रसाद से धन्य करते हैं।

आपके उस दिन के सवाल का यही जवाब है



एक तुम ही हो





हर कोई इन होंठों पे मुस्कान लाना नहीं जनता,
हर कोई इस दिल को चुराना नहीं जनता.....

एक तुम ही हो जो हम से जीत गए रवि,
वरना हर कोई हमें हराना नहीं जनता.....

Har Koi In Honton Pe Muskan Lana Nahi Janta
Har Koi Is Dil Ko Churana Nahi Janta

Ek Tum Hi To Ho Jo Hum Se Jeet Gaye Ravi,
Warna Har Koi Humain Harana Nahi Janta ... 

Joke





















Joke of the day.....

पप्पू को एक पुलिसवाले के साथ मारपीट, हाथापाई
करने के जुर्म में अदालत में पेश किया गया।

जज - क्या हुआ था ?

पप्पू - जनाब, मैं टेलीफोन बूथ में था और एकदम
शान्तिपूर्ण ढंग से अपनी गर्लफ्रेन्ड से बातें कर
रहा था। तभी ये सांड जैसा पुलिसिया वहां पहुंच
गया और न जाने इसे फोन करने
की ऐसी क्या जल्दी थी कि इसने मेरी बांह पकड़कर मुझे
बाहर खींचा और सड़क पर धक्का दे दिया।

जज - तो इसलिए तुम आपे से बाहर हो गए और तुमने इसके
साथ हाथापाई की?

पप्पू - जी जनाब ।

जज - ये तो सचमुच इस पुलिसवाले की बहुत ज्यादती है।
जब तुम पहले से बूथ में मौजूद थे तो ……

पप्पू - इसने और भी ज्यादती की जनाब ।

जज - अच्छा ? और भी ज्यादती की ?
.
पप्पू - जी । फिर इसने मेरी गर्लफ्रेँड की भी बांह
पकड़कर उसे बाहर खींचा और उसे भी सड़क पर धक्का दे
दिया……पप्पू को एक पुलिसवाले के साथ मारपीट, हाथापाई
करने के जुर्म में अदालत में पेश किया गया।

जज - क्या हुआ था ?

पप्पू - जनाब, मैं टेलीफोन बूथ में था और एकदम
शान्तिपूर्ण ढंग से अपनी गर्लफ्रेन्ड से बातें कर
रहा था। तभी ये सांड जैसा पुलिसिया वहां पहुंच
गया और न जाने इसे फोन करने
की ऐसी क्या जल्दी थी कि इसने मेरी बांह पकड़कर मुझे
बाहर खींचा और सड़क पर धक्का दे दिया।

जज - तो इसलिए तुम आपे से बाहर हो गए और तुमने इसके
साथ हाथापाई की?

पप्पू - जी जनाब ।

जज - ये तो सचमुच इस पुलिसवाले की बहुत ज्यादती है।
जब तुम पहले से बूथ में मौजूद थे तो ……

पप्पू - इसने और भी ज्यादती की जनाब ।

जज - अच्छा ? और भी ज्यादती की ?
.
पप्पू - जी । फिर इसने मेरी गर्लफ्रेँड की भी बांह
पकड़कर उसे बाहर खींचा और उसे भी सड़क पर धक्का दे
दिया……

मुझे भुलाकर





उदास राते,लबों पे आहें,कहाँ छुपा है मेरा सितमगर,

सुकूँ चुराकर,मुझे भुलाकर,न जाने कैसे सँभल रहा है।।

-----> R@vi.

मुझे सोने नहीं देती





नज़र में नींद की हसरत लिए बेताब बैठा हूँ ,

वो मुझसे दूर होकर भी मुझे सोने नहीं देती ........ 

तुम बिन कुछ अच्छा नहीं लगता




एक बात बोलूं -
बात इतनी सी थी ,कि तुम अच्छे लगते थे 

अब बात इतनी बढ़ गई,
कि तुम बिन कुछ अच्छा नहीं लगता ll♥ 

wo pyar hai




[♥] Suba uth k ankhe kholne se pehle kisi
ka chehra dekhne ki Arzu ho wo pyar hai [♥]

[♥] pure din ki thakan jiske sath beetne ki
kalpna se hi dur ho jaye wo pyar hai [♥]

[♥] sar jiski godi me rak kar lage ki man halka
ho gaya wo pyar hai [♥]

[♥] koshish karne k baad bhi jisse
nafrat na kar paye [♥]

[♥] jiske bina na raha jaye, jise bhula
na jaye wo pyar hai [♥]

[♥] Aur ye padte waqt jiska chera apki nazro
k samne aaye wo apka pyar hai [♥]

[♥] Baar baar chahe Dil Rota hai Par isme b
chahat ka nasha hota hai [♥]

[♥] Jitna chahe bach lo par Zindgi me Ek
baar pyar Zarur hota hai [♥]

[♥ ][♥][♥ Shilpi Mallik ♥][♥][♥]

Intezar




Itna Aitbaar To Apni Dhadkanon Par Bhi Humne Na Kiya;
Jitna Aapki Baaton Par Karte Hain;

Itna Intezar To Apni Saanson Ka Bhi Na Kiya;
Jitna Aapke Milne Ka Karte Hain!

-----> R@vi.



Tere Bina Tutkar Bikhar Jayenge;
Tum Mil Gaye To Gulshan Ki Tarah Khil Jayenge;

Tum Na Mile To Jeete Ji Mar Jayenge;
Tumhe Paa Liya To Mar Ke Bhi Jee Jayenge!

Tere Paas Aane Ko


Tere Paas Aane Ko

Tere Paas Aane Ko Jee Chahata Hai;
Naye Zakham Khane Ko Jee Chahata Hai;

Zamana Mera Aazmaya Hua Hai;
Tujhey Aazmane Ko Jee Chahata Hai;

Wahi Baat Reh Reh K Yaad Aa Rahi Hai;
Jisey Bhool Jane Ko Jee Chahata Hai;

Labo'n Par Merey Khailtey Hain Tabassum;
Jab Aansoo Bahane Ko Jee Chahata Hai;

Rukhey Zindagi Se Naqabain Ulat Karr R@vi...
Haqiqat Dikhane Ko Jee Chahata Hai!



Naraz Hona Aapse Galti Kehlayegi;
Aapki Ruswaie Se Saanse Tham Jayengi;

Haste Rehna Hamesha;
Aapki Hasi Se Hamari Zindagi Savar Jayegi!

-----> R@vi.

इज़हार अगर करू मैं अपने दिल का दर्द



मुझ पे जो गुज़र गई उसका , कोई बयां नहीं,
लगता है सर पे मेरे, मेरा आसमान नहीं..

दिल के ग़म से जल कर बस राख हो गया ,
इस में न शोले ढूंढे , इस मे धुआं नहीं....

खामोशियाँ का तूफ़ान थामा हुआ है मैंने ,
जिंदा हूँ इस तरह की , मुँह में जुबान नहीं...

इज़हार अगर करू मैं अपने दिल का दर्द,
कायदे से मानिये तो.... आह या दुहाई नहीं,

वो झूट बोल कर उसे, सच मानने लगे,
शर्मिंदगी के चेहरे पर , नामो निशाँ नहीं,

मेरा तो हाल है,वो किसी का कभी न हो....
बहता है खून रगों में , मगर दिल रोया नहीं...

इतना बहुत है सर पे , चाहत हो किसी के दोस्त ,
कितने है लोग जिनका , अपना माकन नहीं....

जीसे मैं अपने अपने दिल की कुछ बात कह सकूँ ,
गुमनाम इस शहर में , कोई भेद जानने वाले 

गजल


गजल

दर्द दिलक अहांसँ कहब हम कोना
चोट नेहसँ भरल सहब हम कोना

छोडि असगर जखन दूर रहबै प्रिय
भावमें बिन मिलन बहब हम कोना

ठोरपर चमकैत नव हँसिक मोती
दूर रहिक अहांसँ गहब हम कोना

संग जे नहि देबए अहाँ हमरा
आगु जीवनमें बरहब हम कोना

कहि रहल अछि गजलमें हियसँ  " रवि "
बिन अहाँ प्रिय आब रहब हम कोना




The First Letter In Your Name Predicts Your Character:

The First Letter In Your
Name PredictsYour
Character:

A― Romantic
B― Proud
C― Innocent
D― Lovable
E― Good but Hurtfull
F―Compassionate
G― Logical Minded
H― Leadership Potential
I― Helpful
J― Free-Spirited
K― Irritating
L― Funny
M― Emotional
N― Sensible
O― Supportive
P― Crazy Q―Unpredictable
R― Practical
S― Loving
T― Fake
U― Sensitive
V― Genius
W― Calm
X― Easy-Going
Y― Intelligent
Z― Jovial

mine is R,, Wats urz ?


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