शुक्रवार, 20 दिसंबर 2013

कई बार सोंचा कह दू हाल-ए-दिल उससे..

जिंदगी भर दर्द से जीते रहे ..
दरिया पास था आंसुओं को पीते रहे..
कई बार सोंचा कह दू हाल-ए-दिल उससे..
पर न जाने क्यूँ हम होंठो को सीते रहे...
---> रवि.



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