ये हादसा हुआ हे तुझे देखने के ........बाद!
तुझी पर दिल फिदा हे तुझे देखने के ..बाद!
रातो को चोंक उठता हु अक्सर में नींद.. से !
ये हादसा हुआ हे तुझे देखने के .........बाद!
ये चौदहवीं का चाँद भी तुझसा हसीं ...नही!
मेरा ये फैसला है तुझे देखने के........ बाद !
शायरी का मुझको सलीका नही ........मगर!
चंद शेर कह गया हु तुझे देखने के ......बाद...!!!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें