सोमवार, 24 सितंबर 2018

Ek Pal Me Zingagi Bhar Ki Udasi De Gaae


एक पल में ‪ज़िन्दगी‬ भर की उदासी दे गया !
वो जुदा होते हुए कुछ फूल बासी दे गया !



नोच कर शाखों के तन से खुश्क पत्तों का लिबास !
ज़र्द ‪मौसम‬ बाँझ रुत को बे-लिबासी दे गया !!

---+}R@vi.


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