आँखों में ख़्वाब हैं दिल में इश्क़ समंदर है
कुछ बात है ज़ुबां पे कुछ दिल के अंदर है
कौन क्या कहता है, क्या समझता है तुझे
तू रूह मेरे जिस्म की तू ही मेरा मुक़द्दर है
किसी ने सूरत देखी, किसी ने सीरत देखी
अब सवाल कि तू कहाँ से ज़्यादा सुंदर है
दिल लगा लिया तो ज़माने की फ़िक्र क्या
ख़्वाब फौलादी हैं और ये दिल सिकंदर है
चलते रहना बस क़दम से क़दम मिला के
जो जुनूँ तेरे अंदर है वही जुनूँ मेरे अंदर है
---+}R@vi.
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