बुधवार, 31 अक्टूबर 2012

jab koi apna khafa ho jaata hai ...



jab koi apna khafa ho jaata hai ...

Jis kisi ko bhi chaho woh bewafa ho jaata hai,

Sar agar jhukao to sanam khuda ho jaata hai ... !

Jab talak kaam aate raho, humsafar kehlaate raho,

Kaam nikal jaane par humsafar, koi doosra ho jaata hai ... !!

Gam nahi tha mujhko kabhi zamaane ki ruswaaion ka,

Takleef hoti hai jab koi apna khafa ho jaata hai ... !!!

“ Dil ki khalish aksar jaan leva ho jati hai lekin,

Dar-e-dil ek had ke baad dard-e-dawa ho jaata hai ” ... !!!!

Hara-bhara hai gulshan-e-yaar, yeh bahar ke din hai,

Khizan aane par dekho ek ek patta, kaise juda ho jaata hai ... !!!!!

Yahi sachchai hai, haqeeqat hai, yahi dastoor-e-zindagi hai,

Kuchh der milte hain humrahi, phir har koi tanha ho jata hai ..!!!!!!

शुक्रवार, 21 सितंबर 2012

आपके प्यार ने



उसकी याद हमें बेचैन बना जाती हैं !
हर जगह हमें उसकी सूरत नज़र आती हैं !!

कैसा हाल किया हैं मेरा आपके प्यार ने !
नींद भी आती हैं तो आँखे बुरा मान जाती हैं !!
रवि शंकर

बड़ी उदास हैं जिंदगी !!



अधूरे मिलन की आस हैं जिंदगी !
सुख - दुःख का एहसास हैं जिंदगी !!

फुरसत मिले तो रवि ... ख्वाबो में आया करो !
आप के बिना बड़ी उदास हैं जिंदगी !!

main kya karoon...


▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬▬▬▬

Raste se ja rahi thee, aais-kriim kha rahi thee,
naina lada rahi thi
tujhako mirchi lagi to main kya karoon....lolzzzzz
▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬▬▬▬

दिल का रिश्ता



ज़रा सी रंजिश पे ना छोड़ना दामन वफ़ा का कभी,

उम्रें बीत जाती हैं रवि... दिल का रिश्ता बनाने में||

आसु रोकेर हसेको छु



जितेपनी हारेर बाचेको छु 
दिलमा फुलयौ फुल पहिले 
फुल झरेरनी बचेको छु

साथ छुट्यो नात टुट्यो
एकन्तमा एक्लो भयि
पिडा लियेर बाचेको छु

केटा मन्छे रुनहुन्न भनेकाले
मन्मा पिडा बोकेर
आसु रोकेर हसेको छु
रवि.

आइ नोरसँ आँखी बोरी रहल छी



आइ नोरसँ आँखी बोरी रहल छी
ककरो दिश मोन मोड़ी रहल छी

तेज स्वांसक कोदाइर सँ आइ हम
ओइ यादक माटी कोइर रहल छी

तरेगणक बीच बैसल चानसँ
पिहले जकां डोर जोइर रहल छी


कतौ- कतौ जुगनू चमकी उठै छै
नै एला प्रिये आश छोड़ी रहल छी

राती जुआन बुढ़ सब भेलै देखू
ओ औता विश्वाश नै छोड़ी रहल छी
रवि शंकर।

कब होगी तुमसे जी भर के बातें......



साम की समा में एक तस्वीर नज़र आती हैं |
तब इस होठों से एक बात निकल आती हैं ||
कब होगी तुमसे जी भर के बातें......|
बस यही सोच के हर साम गुजर जाती हैं ||

(¯`*•.¸ ♥ रवि शंकर  ♥ ¸.•*´¯)

कभी कभी यूँ भी हमने



कभी कभी यूँ भी हमने अपने जी को बहलाया है 
जिन बातों को ख़ुद नहीं समझे औरों को समझाया है |
-------->रवि.

हो गया था प्यार



करता रहा फरेब कोई सादगी के साथ,
इतना बड़ा मजाक मेरी जिंदगी के साथ,

शायद मिली सजा इसी जुर्म की मुझे,
हो गया था प्यार मुझे रवि .... एक अजनबी के साथ |


एक नजरक आस में रैह जायब,
ऐना नै देखू हमरा देखते रैह जायब,

बेझिझक कहू रवि ... सँ अपन हाल-ए-दिल,
सोचब तें जिनगी भैर सोचते रैह जायब!

(¯`*•.¸ ♥ रवि शंकर  ♥ ¸.•*´¯)


समझा न कोई दिल की बात को,
दर्द दुनिया ने बिना सोचे ही दे दिया,

जो सह गए हर दर्द को हम चुपके से,
तो हमको ही पत्थर दिल कह दिया |
------->रवि.


दुःख में ख़ुशी की वज़ह बनती है मोहब्बत,
दर्द में यादों की वजह बनती है मोहब्बत,

जब कुछ भी अच्छा नहीं लगता दुनिया में रवि...
तब जीने की वजह बनती है मोहब्बत.

गुरुवार, 20 सितंबर 2012



भूल कर तो देखो एक बार हमें !
जिंदगी की हर अदा तुमसे रूठ जाएगी !!

जब भी सोचोगे रवि ... अपनों के बारे में !
तुम्हे हमारी याद जरुर आएगी !!



गम कुछ कम नहीं हुए तुझसे मिलने के बाद मगर!
दिल में इक हौंसला सा है कि कोई मेरे साथ तो है!!

कांटे मेरी राहों के हरसूरत मेरे हिस्से में ही आयेंगे!
गर इक गुल है मेरे साथ तो जरूर कोई बात तो है!!

मुझे आज तक जो भी मिला,मशक्कत से मिला!
तुझ से मिलने में मेरी तकदीर का कुछ हाथ तो है!!

अंधेरे कहां समझते हैं भला मशाल के जलने का दर्द!
वजह कोई भी हो हर सूरत में दोनों की मात तो है!!

डूबने वाले के लिये फ़र्क नहीं मंझधार और किनारे में!
बेबसी का सबब जिन्दगी के उलझे हुये हालात ही तो हैं!!

गम कुछ कम नहीं हुए रवि .... तुझसे मिलने के बाद मगर!
दिल में इक हौंसला सा है कि कोई मेरे साथ तो है!

हमको माफ़ कर दो..



ऐ दोस्त अब तो हमको माफ़ कर दो..
हुई जो खता.. उसे रबर से साफ़ कर दो..

सायद आप रह लो हमारे बगैर ...
पर हमें इस सजा से आजाद कर दो..

वरना.. इस दिल की खुदा से फरियाद रहेगी..
की या तो आप... या खुदा हम को जिंदगी से आजाद कर दे...

"अपनी आँखों के.. समुन्दर में.. उतर जाने दे...


तेरा मुज़रिम हूँ.. मुझे डूब के.. मर जाने दे..."

रविवार, 16 सितंबर 2012

ऐसा एक दोस्त चाहिए,





ना ज़मीन, ना सितारे, ना चाँद, ना रात चाहिए,
दिल मे मेरे, बसने वाला किसी दोस्त का प्यार चाहिए,

ना दुआ, ना खुदा, ना हाथों मे कोई तलवार चाहिए,
मुसीबत मे किसी एक प्यारे साथी का हाथों मे हाथ चाहिए,

कहूँ ना मै कुछ, समझ जाए वो सब कुछ,
दिल मे उस के, अपने लिए ऐसे जज़्बात चाहिए,

उस दोस्त के चोट लगने पर हम भी दो आँसू बहाने का हक़ रखें,
और हमारे उन आँसुओं को पोंछने वाला उसी का रूमाल चाहिए,

मैं तो तैयार हूँ हर तूफान को तैर कर पार करने के लिए,
बस साहिल पर इन्तज़ार करता हुआ एक सच्चा दिलदार चाहिए,

उलझ सी जाती है ज़िन्दगी की किश्ती दुनिया की बीच मँझदार मे,
इस भँवर से पार उतारने के लिए किसी के नाम की पतवार चाहिए,

अकेले कोई भी सफर काटना मुश्किल हो जाता है,
मुझे भी इस लम्बे रास्ते पर एक अदद हमसफर चाहिए,

यूँ तो ‘मित्र’ का तमग़ा अपने नाम के साथ लगा कर घूमता हूँ,
पर कोई, जो कहे सच्चे मन से अपना दोस्त, ऐसा एक दोस्त चाहिए,




ना ज़मीन, ना सितारे, ना चाँद, ना रात चाहिए,
दिल मे मेरे, बसने वाला किसी दोस्त का प्यार चाहिए,

ना दुआ, ना खुदा, ना हाथों मे कोई तलवार चाहिए,
मुसीबत मे किसी एक प्यारे साथी का हाथों मे हाथ चाहिए,

कहूँ ना मै कुछ, समझ जाए वो सब कुछ,
दिल मे उस के, अपने लिए ऐसे जज़्बात चाहिए,

उस दोस्त के चोट लगने पर हम भी दो आँसू बहाने का हक़ रखें,
और हमारे उन आँसुओं को पोंछने वाला उसी का रूमाल चाहिए,

मैं तो तैयार हूँ हर तूफान को तैर कर पार करने के लिए,
बस साहिल पर इन्तज़ार करता हुआ एक सच्चा दिलदार चाहिए,

उलझ सी जाती है ज़िन्दगी की किश्ती दुनिया की बीच मँझदार मे,
इस भँवर से पार उतारने के लिए किसी के नाम की पतवार चाहिए,

अकेले कोई भी सफर काटना मुश्किल हो जाता है,
मुझे भी इस लम्बे रास्ते पर एक अदद हमसफर चाहिए,

यूँ तो ‘मित्र’ का तमग़ा अपने नाम के साथ लगा कर घूमता हूँ,
पर कोई, जो कहे सच्चे मन से अपना दोस्त, ऐसा एक दोस्त चाहिए,

बुधवार, 30 मई 2012

Mujhe yad ho Jaye



Har Ek Pehlu Tera Dil Me Mery Abad Ho Jaye......

Tujhy Me Is Qadar Dekhon Mujy Tu Yaad Ho Jaye.... ♥
----------> R@vi

Meri Ankhein Har Roz Barasti Hain.



koi Tou Saawan Aisa Ho Jo Tere Sang Bharse..

tanhaa Tou Meri Ankhein Har Roz Barasti Hain.
----------> R@vi

Masoom Mohabat Ka Itna Sa Fasana Hai



Masoom Mohabat
Ka Itna Sa Fasana
Hai
Kagaz Ki Haweli
Hai Aur Barish Ne
Bhi Aana Hai

Kya
Shart-e-Mohobat
Hai
Kya
Shart-e-Zamana
Hai

Awaz Bhi Zakhmi
Hai Aur Geet Bhi
Gana Hai

Us Tak Pohanch
Ne Ki Umeed
Bohat Kam Hai

Kashti Bhi Purani
Hai Ravi
Aur Tofan Bhi Aana Hai...

Meri Pagal Mohabbat



Meri Pagal Mohabbat Tumhein Yaad aayegi

Jab Chaand Sitare chamak rahey hon
Jab Yaadon k Phool Mehak rahey hon
Jab Deed ko Nain taras rahey hon
Jab Aankhon se Aansoo baras rahey hon

Meri Pagal Mohabbat Tumhein Yaad aayegi

Jab Tanhai se Dil Ghabraye ga
Jab Tumhein Akela-Pan Satayega
Jab koi Khuwab hi nahi ayega
Jab Phool Kitab mai hi reh jayega

Meri Pagal Mohabbat Tumhein Yaad ayegi ♥
----->R@vi


Folk Stories of UK :)
किस्से, कहानिया, लोक-कथाये-

अल्मोडा कुमाऊं का सबसे जागरुक शहर माना जाता है... 

वहां के लोगों के ’स्मार्टनेस’ के कई किस्से हैं. 
मुझे इनमें कोई हकीकत नजर नहीं आती लेकिन
गैर अल्मोडिया लोग इन्हें खूब प्रयोग करते हैं..

1. अल्मोडा के लोग दोस्तों और रिश्तेदारों से यह कहते हैं- 
तुमार घर ऊंला त कि खिलाला? 
हमार घर आला त कि ल्याला?
(आपके घर आयेंगे तो क्या खिलाओगे? 
हमारे घर आओगे तो क्या लाओगे?)

२. जानवरों में भी यह स्मार्टनेस है- 

एक बार अल्मोडिया बैल और गैर अल्मोडिया बैल 
में कम्प्टीशन ठन गया. 
कौन कितना ज्यादा पानी पी सकता है. २ बडे बर्तनों मे 
पानी भर कर बैलों के सामने रख दिया गया. दोनों ने 
पानी पीना शुरु किया. १० मिनट के बाद दूसरे बैल ने 
गर्द्न उठा दी. देखा अल्मोडिया बैल पानी में मुंह डाल 
कर पानी सुड्क रहा है. 
उसने फिर पानी पीना शुरु कर दिया. 

आधे घन्टे बाद अल्मोडा वाला बैल हटा तो दूसरा
बैल पानी पी-पी कर मर चुका था. 
असल में अल्मोडा वाले बैल ने बर्तन में मुंह
डुबा के रखा और पानी पीने का बहाना रहा.
दूसरा बिचारा आधे घन्टे तक पानी
पीकर भगवान को प्यारा हो गया.
-------R@vi



कुछ कॉलेज छात्राओं का एक दल छुट्टियां मनाने
समंदर किनारे एक छोटे से शहर में गया।

एक पांच मंजिला होटल पर एक बोर्ड लगा था – 
”केवल महिलाओं के लिये”। 
उत्सुकतावश, समूचे दल ने उसी होटल में ठहरने
का निश्चय कर लिया। 

होटल के मैनेजर ने उनका स्वागत करते हुये बताया –
”हमारे होटल में पांच मंजिलें हैं । 
हरेक मंजिल की विशेषता वहां लिखी हुई है। 
आप घूमकर देख लीजिये और जहां भी मर्जी आये ठहरिये।”

पहली मंजिल पर लिखा ...हुआ था –
”इस मंजिल पर रहने वाले पुरुष नाटे कद के हैं।”
लड़कियां हंसकर अगली मंजिल पर बढ़ गईं। 

वहां लिखा हुआ था – 
”इस मंजिल पर रहने वाले पुरुष नाटे पर खूबसूरत हैं।”
यह मंजिल भी किसी को नहीं जमी।

वे तीसरी मंजिल की तरफ बढ़ गईं।
वहां की इबारत इस तरह थी – 
”इस मंजिल पर रहने वाले पुरुष लंबे हैं।”
लड़कियां इससे भी कुछ बेहतर चाहती थीं
इसलिये चौथी मंजिल की तरफ बढ़ गईं।

चौथी मंजिल पर लिखा हुआ था – 
”इस मंजिल पर रहने वाले पुरुष लंबे और खूबसूरत हैं।”
यह मंजिल ठहरने की दृष्टि से पूरे दल को उपयुक्त 
लगी परन्तु पांचवीं मंजिल पर क्या है
यह जानने के लिये वे आगे बढ़ गईं।

वहां भी एक इबारत लिखी हुई थी जो इस तरह थी –
”इस मंजिल पर कोई नहीं रहता है। 
यह मंजिल केवल यह सिध्द करने के लिये बनाई
गई है कि महिला को किसी भी प्रकार से 
सन्तुष्ट नहीं किया जा सकता”
------> Ravi

बुधवार, 25 जनवरी 2012

मौत का भी इलाज हो शायद जिन्दगी का कोई इलाज नहीं ज़माना बढ़े शौक से सुन रहा था हमीं सो गये, दास्तां कहते कहते

गुरुवार, 12 जनवरी 2012

मंगलवार, 10 जनवरी 2012


Tum to mere har khwaabon mein baste the
Tum to har pal meri baahon mein rehte the
kya wajah hai jo ab tum  kareeb nahin aate
Ab kyon dard bankar meri aankho se behte ho,
Shaam ho tanhaayi ki, ya phir raat ho siskiyon ki
Har pal haath uthaa kar tujhe hi maanga maine,
Gham ne kar liya hai kaid mujhe is andhere me
Par tum to roshni ke liye mera dil jalaaye baithe ho,
Hontho par tere rahe hum humesha saans ki tarah
Machalte rahe hum tere dil mein jazbaat ki tarah,
ek pal bhi ganwaara nahin hota tumhe dekhe bagair
par jaane tum kis duniya me apna dil lagaye baithe ho,
Use tumhari duniya chhod gaye huye zamaane par
Ek tum ho ke ab bhi aas lagaaye baithe ho…!
                                                     ----------> रवि .

शुक्रवार, 6 जनवरी 2012

Kaun samjhega seene mein kitna dard samaye baithe hai
Jab ik bedard ko hi apna humdard banaye baithe hai
Dil Ko Manana aGar Hota AaasaaanNa Karta Kisi Ko Yoon Ye PareshaanTanha Na Rahta Bhari Mehfil MainNa Hoti Woh Halat Jo Ho Na Bayaan                                  --------> ravi 


 झुकी हुई सी नजरो से इजहार कर गया कोई,         
 हमें खुद से बेगाना कर गया कोई , 
                     यूँ तो होंठो से कहा नहीं कुछ भी,
                     पढ़ आँखों से लफ्ज़ बयां कर गया कोई,
                   

      
 नज़र जब मिली तो फ़साना हुए,
  एक पल में हम आपके दीवाने हुए,
  जब से आये हैं आप हमारी जिंदगी में,
  अंदाज़ ही हमारे कुछ शायराना  हुए.
  ravi1057.co.cc                -------------->रवि


गुरुवार, 5 जनवरी 2012

     आपकी जुदाई ने हमें शायरी सीखा दी, 
       जुदाई के गम ने हमें मंज़िल भुला दी, 
         चाहते तो नहीं थे आपसे जुदा होना पड़ा 
            क्या करें अगर हमें अपनो ने ही पीठ दिखा दी 
      
                                                                             --------> रवि
  
                                                       www.ravi1057.co.cc

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