सोमवार, 2 जनवरी 2012

  
ये मौसम है पिने और पिलाने की .

ये रात है गजलेँ गुनगुनाने की .

गुलाब की पंखुरीयोँ सी कोमल ,

होठोँ को टकराने की .


हुश्न के शोलोँ को जला कर .
राख कर दो आज मुझे .
नैनो की खंजर चला कर .
छलनी कर दो आज मुझे .

लड़खड़ा रहे कदम मेरे .
बाहोँ मेँ तेरी गीरना है मुझे .
रूप की रानी सुनो .

इस अमृत प्याली को आज पिना है मुझे .
एक गुनाह कर ले जी करता .
आज रात पहली है मिलन .
इस चाँद को बंद कर लेगा " रवि " .
दिल की तिजौरी मेँ सनम । 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

The Most Shared Post

ravi1057 : tumse bat krna Acha lgta he

Jab kuch acha nahi lag raha ho Tab bhi tumse bat krna Acha lgta he  ❤️😊 #ravi1057 #RaviShilpi #15August #ravi #रवि #रविशंकर #Ravishan...