तेरी खुशबू और तेरी सांसें
क़तरा क़तरा सब भुलायेंगे
सिलवटें जो तुमने छोड़ी है
धीरे-धीरे सब मिटायेंगे
काटने को इतनी लम्बी उम्र आगे है
जाने किसके पीछे तू बेवजह भागे है
आंख नम होती है होने दो
होंठ लेकिन मुस्कुराएंगे
उसकी रातों से सुबह अपनी
रफ्ता रफ्ता खींच लाएंगे
ऐसा कोई दिल नहीं जो कभी टूटा नहीं
कांच से उम्मीद क्या रखना
ऐसा कोई दिल नहीं जो कभी टूटा नहीं
कांच से उम्मीद क्या रखना
काटने को इतनी लम्बी उम्र आगे है
जाने किसके पीछे तू बेवजह भागे है
आंख नम होती है होने दो
होंठ लेकिन मुस्कुराएंगे
उसकी रातों से सुबह अपनी
रफ्ता रफ्ता खींच लाएंगे
चल नयी शुरुआत कर
भूल के जो हो गया
हाथ पे यूं हाथ क्या रखना
हो.. चल नयी शुरुआत कर
भूल के जो हो गया
हाथ पे यूं हाथ क्या रखना..
काटने को इतनी लम्बी उम्र आगे है
जाने किसके पीछे तू बेवजह भागे हैं
तेरी खुशबू और तेरी सांसें
क़तरा क़तरा सब भुलायेंगी
सिलवटें जो तुमने छोड़ी हैं
धीरे-धीरे सब मिटायेंगे
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें