सोमवार, 6 जनवरी 2014

Maithili Shayari:- प्रीत छै वा और किछु ओहि दिलमे

हुनक आँखिक नोर हम देखने छी
भेल नै जे भोर हम देखने छी
साफ नभपर मेघ बनि बरसि गेलै
ठोप दू इन्होर हम देखने छी
प्रीत छै वा और किछु ओहि दिलमे
जहर पोरे-पोर हम देखने छी
आइ मुट्ठीमे बचल राख केवल
काल्हि छल अंगोर हम देखने छी
पत्र भेटल "रवि"केँ आइ धरि नै
पर मनक सब जोड़ हम देखने छी

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

The Most Shared Post

ravi1057 : tumse bat krna Acha lgta he

Jab kuch acha nahi lag raha ho Tab bhi tumse bat krna Acha lgta he  ❤️😊 #ravi1057 #RaviShilpi #15August #ravi #रवि #रविशंकर #Ravishan...